कागजी पहलवान
सांध्य का समय था पंछी टोलियां बनाकर आपस में बात चीत करते हुए पंख फड़फड़ाते हुए अपने अपने घोंसले कि और जा रहें…
सांध्य का समय था पंछी टोलियां बनाकर आपस में बात चीत करते हुए पंख फड़फड़ाते हुए अपने अपने घोंसले कि और जा रहें…
तुम कहां हो? कहां नहीं हों ? दोनों अनंत काल से चले आ रहें शाश्वत प़शन है इनके उत्तर भी अनंत काल से शाश्वत ह…
तारों के धूमिल प़कास में आकाश पूर्णिमा का इंतजार कर रहा था उसी समय अमावस्या आईं सदा कि भाती मुस्कुराई बोले ग…
तेरे सांवले सलोने गाल उन पर लाल गुलाल। गुलाबी चेहरा उलझे बाल नजरे तेरी बनाती है जाल जाने क्यों आत्मा बेचारी …
अंजलि आईने के सामने खड़ी होकर अपने रूप यौवन को देखकर इतरा रही थी माथे पर आई लटों को कभी इधर करती कभी उधर कभी …
चाल निराली आली तोरी और निराली बोली तोरी कैश निराले फैलें कारे कारे चेहरे के चहुं ओर है सारे बने फिरत है धन स…
लिखना पड़ना जानना समझना याद रखना फिर उस पर अमल करना टेड़ा सवाल है हम लिख सकते हैं हम पड़ सकतें हैं समझ सकते …