निराला अद्भुत प्यार कविता

 प़भु तेरी प़ेम भरी मुस्कान से तेरी प़ेम से भरी जवान से में हृदय से धन्य हो गया चाहें जब चाहे जहां सुन्दर सुहावने स्वप्न में खो गया यदि तू…

प्रकृति

 दूर धुंधली धुंधली पहाड़ी उसको चूमता आलिंगन करता आसमान। कोई कहता मुझसे उस पहाड़ी पर बैठी आत्मा लगा रही तुम जैसा अनुमान। इससे एक आवाज उठती चुपचाप अपने आप से…

ज़िन्दगी कि यात्रा

 ज़िन्दगी कुछ भी नहीं है ज़िन्दगी बहुत कुछ भी हैं जिंदगी जिंदगी जो प्यार बन के मस्ती जगाती हैं। ज़िन्दगी कभी गली में  कभी डगर में कभी मुहल्ले में कभी…

“तलाक उत्सव ” पत्नियों से प्रताड़ित कहानी

यूं तो देशभर में हर सप्ताह हर महीने तीज त्यौहार का उत्सव मनाने का भरपूर अवसर रहता है अलग अलग धर्म के अनुयाई अपनी हैसियत अनुसार उत्सव मनाते हैं परन्तु…

पहचान कविता

 सूर्य दिशा कि पहचान क्या  सूर्य उदय से है सूरज नहीं निकलता नहीं आता चांद का ही राज रहता तब क्या सूर्य दिशा कि पहचान नहीं हो पाती। प्रश्न है…