जन्मदिन
बंग्ले में नाती के जन्म दिवस पर भव्य आयोजन किया गया था शहर के जाने माने सम्मानित रहीश हाथों में गुलदस्ता भेंट लेकर सपरिवार सहित आ रहें थें ...
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बंग्ले में नाती के जन्म दिवस पर भव्य आयोजन किया गया था शहर के जाने माने सम्मानित रहीश हाथों में गुलदस्ता भेंट लेकर सपरिवार सहित आ रहें थें ...
ठंड का मौसम था लोग घरों के अंदर अलाव जलाकर ताप रहे थे कुछ तो विस्तर में ही कम्बल में लिपटे हुए थे पर ऐसे ठंडे मौसम में बच्चे कहां पीछे रहने ...
वह एक वर्षांत कि रात्रि थी मेघ गर्जन करते हुए कड़कती बिजली के साथ घनघोर वर्षा कर रहे थे ऐसे ही रात्रि में परेश होटल के कमरे में एक युवा शादी...
सांध्य का समय था खटिया पर रोग ग्रस्त बूड़ा आदमी लेटा हुआ था वह लगातार ख़ास रहा था पानी लेकर आने वाली उस बूढ़े कि अर्धांगिनी थी दो घूंट पानी...
घर दामाद बनना हर किसी के बस बस कि बात नहीं दिल से, दिमाग़, से, मजबूत होना पड़ता है फिर,कभी कभी अपमान भी झेलना पड़ता है वह भी साले,या,सास, ...
<> अर्ध रात्रि का समय आसमान में तारे टिमटिमाते हुए अपनी आलोकित आभा से शीतलता बिखेर रहे थे ऐसे ही बेला में कोरोनावायरस के कठिन समय में ...