दर्शन अध्यात्म कविता
मन्दिर रोज जाता रोज रोज दर्शन करता दिन हो या फिर रात जब समय मिलता जितने देबी देवता दर्शन देते मे अपलक देखता आनंदित हो अपने आपको न जाने कितना…
-apni se kahaniya ka pitara
मन्दिर रोज जाता रोज रोज दर्शन करता दिन हो या फिर रात जब समय मिलता जितने देबी देवता दर्शन देते मे अपलक देखता आनंदित हो अपने आपको न जाने कितना…