धन्यवाद कोरोनावायरस आप ने सही न्याय किया लेख।


 धन्यवाद कोरोनावायरस आप ने सही समय पर दस्तक दी थी सही समय पर सही न्याय किया , सभी वर्ग, धर्म, मज़हब,पंथ,सभी देशों को बराबर समझा था जो देश अपने आप को ताकतवर समझते थे जिनके पास अकूत संपत्ति थी जिनके पास समय से हजारों साल आगे कि टैक्नोलॉजी थी उस टैक्नोलॉजी से हजारों साल पीछे का व हजारों साल आगे का भविष्य बता सकते हैं उसके दम पर चांद, तारे,सूरज,कि दूरी माप लेते हैं मंगल ग्रह पर जीवन कि ख़ोज कर रहे हैं वहां पर घर बनाने का सपना देख रहे हैं हों सकता है यह आने वाले कुछ वर्षों में स्वप्न सही साबित हो हों सकता है कि मंगल ग्रह पर पर्याप्त मात्रा में पानी के भंडार छुपे हुए हों हों सकता है कि किसी कोने में आक्सीजन भी मौजूद हों खैर यह तो भविष्य में ही पता चलेगा ?  जी हां 

हां जी हां हम मानव टेक्नोलॉजी से बहुत आगे निकल गए हैं हम मानव मृत शरीर पर बहुत सारे प्रयोग कर अमर होने कि दिशा में लगातार शोध कर रहे हैं हमारे शोधकर्ताओं ने कुछ जीन ऐसे ख़ोज लिऐ हैं जो कि कभी भी मृत नहीं होते हैं वह जीन अविनाशी है उन जीन को मृत देह से निकाल कर किसी दूसरी देह में डाल कर हम फिर से जिंदा रह सकते हैं मतलब अब कुछ सालों बाद हम ईश्वर के बराबर हो जायेंगे मतलब हम उन्हें अपने बराबर समझने लगेंगे जी हां हमें उनकी जरूरत ही महसूस नहीं होगी ।

हां जी कोरोनावायरस  शायद आप को पता नहीं है हमारे पास जल थल नभ में विचरण करने वालें एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस बढ़े बढ़े यान हैं जो कि पल भर में आसमान में ओझल होने कि छमता रखते हैं समुद्र के अंदर अनेकों महीने छुप कर दुश्मन देश पर नजर रख सकते हैं दुश्मन देश कि नियत को भांप कर हमला कर सकते हैं ।

जी हां कोरोनावायरस हमारे पास परमाणु बम हैं हमारे शोधकर्ताओं ने ऐसे ऐसे बम बना कर रख दिए हैं जो कि फटते ही इंसान, जानवरों को भाप बना कर आसमान में उड़ने कि शक्ति रखते हैं ।

जी हां कोरोनावायरस भाईसाहब हमारे पास उन्नत किस्म के मोबाइल फोन कम्प्यूटर लेपटॉप टेलीविजन हैं जिस से हम पल भर में कही भी किसी भी देश का आंखों देखा हाल देख लेते हैं उन्हीं अविष्कार से आपका रूद्र अवतार देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था ।

जी हां कोरोनावायरस हमने अपनी सुविधा के लिऐ जल जंगल जमीन पहाड़ को नष्ट किया हमने धरती के सीने को चीरते हुए खनिज पदार्थ ढूंढ निकाले हमने तेल गैस के भंडार को खोज निकाला  हमने जंगल के जंगल नष्ट कर दिए नदियों पर बांध बना कर उन्हें भी कैद कर लिया समुद्र के अंदर पुल वना कर अपने लिए मार्ग बना दिया आसमान में अपने अपने देश कि सीमा सुरक्षा हेतु पहरेदार बैठा दिए अब आप तो समझ ही गये होंगे कि हम कितने प़तिभा शाली हैं ।

जी हां कोरोनावायरस भाईसाहब हमने बहुत सारे स्पेशलिस्ट तैयार किए जैसे कि मनुष्य देह के विभिन्न अंगों के विभिन्न जानकार जल पानी कहां मिलेगा कितनी गहराई में मिलेगा खारा या फिर मीठा मिलेगा वारिस कब होगी ज्यादा होंगी या फिर कम होंगी आंधी तूफान कब आएगा कहां से बनेगा कैसा रहेगा कितना नुक्सान देगा फिर हमारे पास भूकंप का पूर्वानुमान लगाने के भी स्पेशलिस्ट हैं जैसे कि कितना घातक होगा आदि ।

जी हां भाई साहब हमारे पास इतने संसाधन होने पर भी हम तुम्हें नहीं पहचान पाए मतलब पकड़ नहीं पाए तुम्हारे छद्म रूप को देख भी नहीं पाए तुम्हारे पल पल में बदलते वैरिएंट को हम समझ तो गए थे परन्तु तुम्हें रोक नहीं पाए कारण जो भी मुझे तों लगता है कि आप ज्यादा चालाक थें ।

जी हां कोरोनावायरस भाईसाहब हमने अपने लाभ के लिए या फिर यो कहें बोट बैंक के लिए मानव समाज में बंटवारा किया हमने विभिन्न धर्मों कि स्थापना कि उन धर्मों कि अलग प़कार से व्याख्या कि भोले भाले मानव समाज पर संक़ीण विचार धारा प परोश दी क्यों कि हम भूल जाते हैं कि इंसान का जन्म मां कि कोख से ही होता है क्योंकि हम भुल जाते हैं कि इंसान जन्म लेने पर सिर्फ मानव बच्चा ही रहता है क्योंकि हम भुल जाते हैं कि जन्म के समय हमारा रंग रूप आंख कान सब समान रहते हैं क्योंकि हम भुल जाते हैं कि हमारा खून का रंग भी ऐक ही है क्योंकि हम भूल जाते हैं कि अस्पताल में भर्ती मरीजों को ख़ून कि आवश्यकता होती है तब हम वलेड बैंक वाले से उस दान देने वाले सज्जन का मज़हब नहीं पूछते शायद हम भूल जाते हैं कि भगवान, परमेश्वर,खुदा,सब ऐक ही है, शायद हम भूल जाते हैं कि हमारा अंतिम ठिकाना यह धरती ही हैं जिसमें जलाकर या फिर गाढ़कर पंचतत्व में विलीन हो जातें हैं फिर यह सब जानते हुए भी हम क्यों अपनी इंसानियत को भूल कर कुछ कुछ जगह पर बहसी पन पर उतर जाते हैं क्यों क्यों ?

धन्यवाद कोरोनावायरस आप ने हमें ऐक करने का प्रयास किया हमें देश धर्म संस्कृति कि सीमा से मुक्त किया हम मानव समाज को उनकी औकात दिखा दी उन्हें शायद संदेश दिया कि जितना तुम पृक़ती से छेड़छाड़ करने से बचोगे उतने ही सुखी रहोगे शायद संदेश दिया कि ईश्वर को जितनी बार भी चुनोती दोगे तुम्हें हर बार सामूहिक मानव जन हानी बर्दाश्त करनी होगी शायद .... काश हम अब भी सम्हल जाए काश ..??






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Mahendra Singh s/o shree Babu Singh Kushwaha gram Panchayat chouka DIST chhatarpur m.p India

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