बात बहुत पुरानी है उस जमाने में मोबाइल देश में  नये नये आऐ  थे  और  कीमत भी  बहुत  जायदा थी  जो कि  आम नागरिक कि पहुंच से वाहर  था  वह  तो  पैसे वाले अभिजात्य वर्ग के  परिवार के सदस्यों के  हाथों मैं  देखकर आत्म अनुभूति कर  खुशी  जाहिर कर  लेता  था  या फिर  दूसरे अर्थ मे  मन मारकर  रह  जाता  था वह सोचता  कि  क्या कभी  मेरे पास भी  मोबाइल फोन  होगा  इसे खरीदने के लिये पैसा कैसे इकट्ठा होगा फोन के  लिए  बहुत सारे  लोगो ने अपना  दैनिक खर्च का  साथ ही  मासिक खर्च  मे  कटौत  करना चालू कर दिया था उन्ही सब के बीच  में  भी  था  जैसे तैसे  मेने  मोटोरोला कंपनी का कि पैड बाला  मोबाइल  खरीद  लिया था  अब तो में  अपने आसपास के सहकर्मी के  साथ  पड़ोसी परिवार को  देख कर  यू  ही  कहीं  भी  किसी को  नम्बर  डायल करने  लगता  था  उन भोले भाले  लोगो को  पता  भी  नही चलता  था की  सिम मे  बैलंस  ही  नहीं  है  उसकि आउट गोइंग  व इनकमिंग सुबधा  बंद  हैं  अगर कोई  पूछता भी  था  तब मे  नेटवर्क प्रॉब्लम कहकर  कंपनी पर पल्ला झाड़ कर  मोबाइल को उसके कवर में  रखकर  शान से आगे  चला  जाता था ।

उस समय चूंकि गांव में मोबाइल नहीं  था मेरे पास  मेरे मित्र कि  बहिन का  डाक  विभाग से  शादी का  कार्ड आया था  ऐक तो बचपन के दोस्त कि  जिदंगी भर यादे  पीछा  नहीं  छोड़ती बाला पन के समय कि शरारतें  नटखट पन  ,रूठना  मनाना  गांव के खेत खलिहानों में  घूमना  आम  के बगीचा  मे  चुपके से जाना  फिर रखवाली करने वाले कि प्यार भरी  डाट खाना  कान पकड़ कर अब कभी  भी नहीं आऊंगा  काका  जी  माफ करदो  कहते ही काका का  मुसकुराते हउ  अचछा  बेटा अगली वार टाग तोड  दूंगा समझै  हा हा हा  फिर खलिहान के भूषा में से पके हूऐ  आम लाकर  सभी  बच्चो को देना  और  हम  बच्चे  आमो को लेकर खुशी से तालियां बजाकर  बाग से बाहर  जाना मेरे खयाल से उस समय को आज के समय के हिसाब से तराज़ू  पर  तोला  जाए  तब  वह समय  भारी  होगा  क्यो कि उस समय आपस में  प्यार  था  परिवार  संगठन  में  था आस पड़ोस  मे  भाईचारा  था ऐक दूसरे के आफत समय पर काम आते थे परन्तु आज तो परिवार बिखरने लगे है पड़ोसी पड़सी से मतलब नहीं रखते  क्यो की हम मतलबी जो हो गये है  ।

खैर ऐक तो दोस्त की बहिन कि शादी दूसरा मेरे पास  मोबाईल फोन  में  इतराते हूऐ गांव पहूंच गया  था बेमतलब ही कहीं भी किसी को भी फोन  लगाकर  अपना रोब  झाड़  रहा था  दोस्त के साथ मजाक मस्ती मे  भोर का पहर आ गया था  भाई नींद तो नींद होती हैं  चबूतरे पर  जिस पर  दरी बिछी हूई थी उस पर पांव पसार कर नींद के आगोश मै  समा गया था  जब जागा  तब  मोबाइल  चोरी चला गया था चोर को खोजने कि भरपूर कोशिश कि परन्तु वह तो गधे के सीग जैसा गायब हो गया था  थकहार कर  में  बैरंग चिठ्ठी  जैसा  इंदौर के लिये रवाना हो गया मेरी बस भोपाल  सूवह आठ बजे पहूंच गयी थी  बस स्टेड के पास मोबाइल फोन कि दुकान थी मैंने सेकंड हैड  ऐल  जी का मोबाईल फोन खरीद लिया था  परन्तु  बिल  नहीं  लिया था  इंदौर आकर  आइडिया आफिस से वही सिम नम्बर निकाल कर  उस मोबाईल फोन में डालकर  चलाता  रहा  ऐसे ही कुछ महीने निकल गये थे  ऐक दिन मेरे गांव के सरपंच का काल आया था  उन्होंने बताया  कि आपको पुलिस खोज रही है  मैंने कहा क्यो  उन्होंने कहा कारण बताने कै तैयार नही  मेने कहा सरंपच साहब में काम धंधा वाला आदमी हूँ  लडाई झगड़ा  से दूर रहता हूं  जरूर पुलिस वालों को कोई  गलतफहमी हो गई  होगी  ऐसा कहकर में निश्चित हो कर अपने काम  धंधा में  लगा  रहा  कुछ दिन बाद  फोन कि घंटि  बजते हि मैने  जैसे हि अटेंड किया  दूसरे और से कौन मेरा नाम लेकर  देखिये  आषटा के पास किसी का ऐकसीडेट हो गया है  आप किधर है  जलदी आइये।

उस फोन काल के बाद मेने सभी जान पहचान वालों को काल किया था सभि सलामत  थे सहसा मेरा माथा ठनका  जरूर यह पुलिस वालों का फोन है  डरकर मैंने फोन बंद कर गांव चला गया था  मैने यह व्यथा दो चार लोगो को  सुनाई उन्होने सुझाव दिया अगर आप अपनी जगह सही हो तब क्या डरना  मोबाईल चालू रखिये  जैसे ही मैने मोबाइल चालू किया तभी घंटि बज गई थी दूसरी और  पुलिस अधिकारी मिस्टर छारि साहेब  थे जिन्होने धमकी भरे लहजे से कहाँ  था मिस्टर कब तक  छूप लोगो पुलिस पाताल लोक से भी खोज  लेगी  यकिन मानिए में  डर गया था  लडखडाती आवाज से कहा कि श्री मान जी  मेरा अपराध क्या है कुछ पता भी  तो चले  में काम  धंधा वाला  ईमान दार  आदमी हूं  व्यापार ईमान से करता हूं  कभी भी  जीवन में  ऐसा  काम नहीं किया  जिससे  मूझे या मेरे माता पिता को निचे  नजर करना पडे  मेरे  ऐसा बोलते हि वह कुछ  छढ  खामोश  हो कर  विचारमग्न हो गये  थे फिर  उनकी आवाज  कोमलता  से भरि हुई थी  उन्होंने  राजधानी एक्सप्रेस  रेल  में  से किसी  विदेशी  महिला का बैग  चोरी  होना  बताया था  जिसमें  लेपटॉप  मोबाइल  व बहुत सारे  रूपये थे  वह  मोबाईल  तुमहारे  पास है  आई टि सेल ने मोबाइल के आई पि पता से आपको पकड़ लिया है  और  पिछले  महीने का  काल रिकार्ड भि हैं  मेरी  मानो  तुम  हाजिर हो जाओ  इसी में  भलाई है  में रूआंस हो कर  बोला श्री मान जी यह सच हैं की जो मोबाइल आप  बता रहे है वह  मेरे पास है  लेकिन  वह तो मैंने  भोपाल से  नगद  दूकान से सेकंड हैंड खरिदा  था  इसमे  मेरा  क्या  दोष  तब उन्होंने कहा  आपके पास  बिल है  मैने  जबाब में कहा  था नहीं  ?

तब तो  आपने  बहुत बडी गलती कि हैं  आप  अपने आप को  कैसे  निर्दोष कर पाऐगे  मेने कहा  श्रीमान में  दूकान  बताने को तैयार  हूँ  यहां तक कि भले हीं  मोबाईल फोन लिए  एक  साल  से ऊपर हो गया है  फिर  भी  में  उस  दूकान  दार  का चेहरा  हजारों  लोगो के बीच  पहचान  लूंगा  और आप हाजिर होने के लिये कहते हैं तब मूझे  कृपया बता दिजिएगा कि आप भारत के किस पुलिस स्टेशन से हैं  क्यो की  मूझे आना  भि हैं  और  बुरा नहीं  मानिएगा  देश के अधिकांश  सरकारी अधिकारी  रिश्वत खोर हैं  वह  पैसा के लिए  अपनी आत्मा को भी  बेच  देते हैं  ऐसा  मैंने  सूना है  में  अपने शब्दों पर  कुछ  देर  विचार करने  लगा  था  ऐसा  लगा की  कुछ  गलत  बोल दिया था  तभी  श्रीमान  छारि  जी ने दूसरे  और  से कहा  अगर  आप  अपनी जगह  सही हे तब  डरने कि कोइ भी  जरूरत नहीं  और  में  पुलिस अधिकारी को अपने आप को  दूर कर के कहता हूं  मेरे  विश्वास पर  आ जाईऐ  उच्च अधिकारी के सामने  आप से सवाल  जवाब  होंगे  उस समय  में  भी  रहूंगा आपका पछ  रखूंगा  फिर  आपको  भोपाल  ले  जाऊंगा  जहां आपको  दूकान का पता  बताना  होगा  और  हा अगर  झूठ  निकला  तब  जैल कि सलाखों मे  जाना होगा  ।

में  तय समय के अनुसार  उनके पास  पहूंच गया था  पुलिस स्टेशन में  बहुत सारे  अधिकारी सवाल  कर  रहे थे  उनके  सवाल से में  डर गया था  आँखो से अश्रु धारा  बहती हूई  गालो को पार कर  रही थी  श्री मान छारि  जी  मूझे  रोते हुए  देख रहे थे  जब  उनसे  रहा नही गया  तब  उन्होंने  जैब  से रूमाल निकाल कर  मेरे  अश्रु  पोछे थै फिर  उच्च अधिकारी से कहा कि आप  को इंसान परखने की  सूझ  नही  श्रीमान  मेरे कहने से यह  आदमी  हजार  किलोमीटर  दूर से  अकेला आ गया  उसका आना  मतलब  वह  गुनहगार  नहीं  फिर वह  भोपाल में  जहां से  उसने  मोबाईल फोन  लिया  था  दूकान का पता भी  बताने के लिये  तैयार है  तब  क्यो न  हम  इस आदमी के साथ  भोपाल  चले  ।

उच्च अधिकारी ने कहा था  ठीक है  छारि  जी  आप  यह केश  अपने  हिसाब से  हैंडल करे ।

मूझे  लेकर  पुलिस अधिकारी कुछ अतिरिक्त  जवानों के साथ  भोपाल  रवाना हो गये थे हम लोग  शाम के सात बजे  बस से भोपाल  ऊसि  स्टेड पर  पहुंच गये थे  जहा से मैने  मोबाईल खरिदा था  पुलिस कर्म चारि सादा पोशाक मे ये  श्रीमान छारि साहेब को  मैंने  दूर से हि दूकान यह हि है  कह  दिया  था  तब उन्होंने  दस रूपये  देकर दूकान से आइडिया का वाउचर  ले आना  साथ ही  दूकान दार  को पहचान  लेना में गया  दस रूपये का वाउचर लेकर  आ गया था  उनसे कहा  सर यही दूकान हैं  उसका मालिक भी  वही हैं  जिससे मैंने  मोबाईल  खरिदा  था  ।

श्री मान छारि जी ने  अपने खर्च से मूझे  होटल  में  ठहरा  दिया  था व  अपनी टीम के साथ  जांच  में  जूट  गये थे  उनहोंने रात में हि उस  दूकान दार को गिरफ्तार कर लिया था भोर के पहर  मेरे पास कुछ पुलिस जवान आए थे  जो मुझे  रेलवे स्टेशन जहां पर  रेलवे पुलिस का  हैडक्वाटर  था ले गये थे  दूकान दार  कि कद काठि के बहुत सारे  लोग  लाइन में  खडे  थे साहब ने कहा  पहचान  लिजिए  आपने  किस से मोबाइल  लिया था  मैने  उस  दूकान दार कि और  इशारा कर दिया था पुलिस वालों ने उसे  गिरफ्तार कर लिया था  मुझे  श्री मान  छारि साहेब  ने खुद के किराए से इंदौर  रवाना कर दिया था  ऐक  सबक देकर  कभी भी कही से भी  कुछ  भी  खरीदो परन्तु  बिल  जरूर  लेना  व  सम्हाल कर  रखना  उन पुलिस अधिकारी कि ईमानदारी  दिल को छू गई  ।



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Kaka ki kalamse