सावन का महिना था आसमान में बादल समुद्र से जल लेकर धरती पर उड़ेल रहें थें कभी कभी घोर गर्जन करके अपनी नाराज़गी जता रहे थे मानो कोई संदेश दे रहे हो कि हे मनुष्यो अभी भी तुम्हारे पास समय है जंगल को नष्ट मत करो पहाड़ को मत काटो जंगली जानवरों के आवश रहने दो वरना तुम्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे सुधर जाओ ??
ऐसे ही मौसम में अनिकेत घर से बाहर निकल आया था चूंकि सावन का महिना था पत्नी भाईयों को राखी बांधने गई हुई थी वह अकेला ही था दुसरा ऐतवार का दिन था दफ्तर कि छुट्टी थी अनिकेत यूं ही कार शहर कि सड़कों पर घुमा रहा था कभी कभी सीसे नीचे कर लेता तब पानी कि बूंदें हवा के साथ उसके उसके माथे गाल पर टकरा जाती थी वह बूंदें उसके तपते शरीर को ठंडक देने लगी थी कारण पत्नी पिछले दो हफ्तों से मायके गई थी खैर बाईपास पर उसे शराब कि दुकान दिखाई दी थी उसने कार पार्क कर दी थी फिर लम्बी लम्बी डग भरते हुए काउंटर पर पहुंच गया था उसने अपना मन पसंद व्हिस्की कि बोतल ली फिर आहते में समां गया था वेटर को सोढ़ा तलें हुए चना पानी गिलास लाने को कहा था कुछ देर में ही वह दो पैग हलक में उतार गया था दिमाग पर नशे का प्रभाव होने लगा था जेब से सिगरेट पैकेट निकाल कर सिगरेट सुलगाई थी कश लेते हुए वह मोबाइल पर फोन नंबर चेक करने लगा था सहसा उसे कालेज के जमाने के दोस्त का नम्बर दिख गया था उसका फ्लेट भी आस पास ही था नम्बर डायल कर एक दूसरे का हाल चाल पूछा था ।
हाल चाल पूछने के बाद अनिकेत ने सुहाने मौसम में पार्टी मनाने का प़सताव दिया था हालाकि उसने दो पैग बोदका का गले में डकारने का भि जिक्र कर दिया था दूसरी और दोस्त का नाम सुनील था उसने कहा था भाई अगर तू चाहे तब बोदका कि बाटल सोढा लेकर मेरे फ्लेट पर आ सकता है और हा इस वहानेघठ से तेरी मुलाकात मेरी पत्नी से हो जाएगी अभी वह सप्ताहिक अवकाश पर बैगलोर से आई है कल सुबह कि फ्लाइट से वापस चलि जाएगी और हा भाई कुछ ठंडी वियर कि बाटल भि लेते आना अनिकेत को याद आया था की सुनील ने प्रेम विवाह किया था उस कि पत्नी आई टि सेक्टर में बैगलोर में काम करति है ।
वह बोदका सोडा ठंडी वियर सिगरेट भुना हुआ चिकन लेकर सुनील के फ्लेट पर पहुंच गया था बोरवेल कि आवाज सुनकर सुनील ने दरवाजा खोल दिया था हाल में जाकर उसने सारा सामान टेविल पर रख दिया था फिर दोनों हि दोस्त गले मिल कर ऐक दूसरे कि पिठ थपथपा रहे थे तभी मिसेज सुनील बेडआरूम से वाहर निकल आई थि उन्हें देखकर अनिकेत हक्का वकका रह गया था कारण वह अभूतपूर्व सुंदर थि देह पर यौवन खगआआा ले रहा था कसि हुई देह थि हालाक रंग हल्का सा सावला था परन्तु उनके चेहरे को वह रंग फिट बैठ रहा था खैर उन्होंने ऐक दूसरे का अभिवादन किया था फिर उसने कहा अच्छा यह हे आपके मित्र आपकि सुनील बहुत तारीफ कर रहे थे आज आपसे मिलने का अवसर प्राप्त हुआ फिर उसने बोला में जूलिया डिसुजा मेरे पिता एगलो इंडियन और मा इशाई धर्म से और में दोनों धर्म से कहना यह हैं कि सभी मजहब ऐक हैं क्यो कि खून का रंग भी ऐक है ।
खैर में धर्म की व्याख्या नहीं करना चाहती मेरी नजर में संसार के सभी धर्म के भगवान् ऐक हैं ऐसा कहकर वह खामोश हो गई थी उसके विचार धारा के सामने बडे बडे धर्म के गुरु को अपने तर्क वितर्क पर विचार करना होगा
लिखना …