तुम सुनो हम सुनें
उसे भी सुनाये
सुन सुन कर हम गहरे और
गहरे में जाए
उतरे अपने आप में
झांके अपने आप में
सुने अपने आप कि
शायद वह सुनना
सबसे कठीन साबित हो
जैसे पक्की सड़क से
घाटियों पहाड़ीयों
के उबड़-खाबड़
कांटों कंकड़-पत्थर से भरा रास्ता
हो पर देखें अपने आप को
छोड़ो भीड़ भाड़ अपने पराए
भेदभाव भूल
दूर कहीं एकान्त में
एकला चलो और सुनोगे अपने आप
उठते संगीत को
अपने आप में
जीवित शास्वत आंनद को
सुनो बृहं नंद रूपी
सरिता कि कल कल कि
मनोहर आबाज में डुब जायो
मोन हो जायो
विलीन हो जाओ
और अपने अंह को खो दो
विसर्जन कर दो
अपने आपको सुनने में
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